12 जुलाई 2025 की सुबह एक आम दिन की तरह शुरू हुई थी, लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने जैसे ही अहमदाबाद से उड़ान भरी, कुछ ही सेकंड में सब कुछ बदल गया। यह विमान, जो लंदन गेटविक के लिए रवाना हुआ था, टेकऑफ़ के 30 सेकंड बाद ही शहर के मेघाणी नगर क्षेत्र में B.J. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से जा टकराया।
इस भयानक हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, जिनमें विमान के सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्य शामिल थे। लेकिन इस दुखद दृश्य के बीच एक चमत्कार हुआ — सीट नंबर 11A पर बैठे यात्री विश्वश रमेश कुमार इस हादसे में अकेले जीवित बचे।
🧍 सीट 11A पर बैठा वह शख्स जो मौत को मात दे गया

40 वर्षीय विश्वश कुमार, एक ब्रिटिश नागरिक और पेशे से आईटी कंसल्टेंट, अपने भाई के साथ भारत में एक पारिवारिक समारोह से लौट रहे थे। वह मूलतः फ्लाइट की 11J सीट पर बैठे थे, लेकिन बोर्डिंग से कुछ क्षण पहले उन्होंने सीट बदलकर 11A (खिड़की के पास) ले ली। यह बदलाव बाद में उनके जीवन की सबसे निर्णायक घटना साबित हुआ।
उनकी सीट विमान के इमरजेंसी एग्जिट के पास थी, जिसने उन्हें धुएं और आग के बीच से जल्दी निकलने का अवसर दिया।
🧠 हादसे के क्षण: "मैं अब भी नहीं जानता कि मैं ज़िंदा कैसे हूं"
विश्वश ने बाद में मीडिया से कहा:
"सब कुछ कुछ ही सेकंड में हुआ। एक ज़ोर का धमाका हुआ, और उसके बाद अंधेरा। जब होश आया, तो चारों ओर आग, धुआं और चीख-पुकार थी। मैं बस दौड़ पड़ा... मेरे पाँव खुद ही चल रहे थे।"
हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले वह खुद अपने पैरों पर चलकर मलबे से बाहर निकले। उनकी छाती, आंख और पैरों में हल्की चोटें थीं, लेकिन वे होश में थे और बात कर सकते थे — जो इस हादसे में किसी चमत्कार से कम नहीं था।
💔 भाई अब भी लापता
विश्वश के साथ यात्रा कर रहे उनके भाई अजय कुमार की कोई खबर नहीं मिल पाई। दोनों एक ही फ्लाइट में थे, लेकिन अजय विमान के पिछले हिस्से में बैठे थे। हादसे के बाद जब विश्वश को अस्पताल ले जाया गया, तब भी उन्हें अपने भाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनका दर्द आज भी अधूरा है।
🔎 जांच और विमानन सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हादसा भारत में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास का पहला बड़ा घातक क्रैश बन गया।
- प्रारंभिक रिपोर्टों में इंजन कंट्रोल सिस्टम में खराबी की आशंका जताई गई है।
- भारत की AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और अमेरिका की NTSB मिलकर जांच कर रहे हैं।
- इस घटना के बाद एयर इंडिया के बोइंग बेड़े की अतिरिक्त सुरक्षा जाँच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
🙏 11A – एक चमत्कार, एक चेतावनी
आज जब विमान यात्रियों के लिए सीट नंबर 11A की बात होती है, तो वह सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि एक गवाह है — उस क्षण की, जब सैकड़ों ज़िंदगियाँ खत्म हो गईं और एक ज़िंदगी एक नई शुरुआत लेकर बाहर निकली।
यह हादसा हमें याद दिलाता है कि जीवन कितना अनिश्चित है, और कैसे कभी-कभी एक छोटा सा निर्णय, जैसे सीट बदलना, पूरे जीवन को बदल सकता है।
📌 निष्कर्ष: ज़िंदगी की उस एक सीट पर
12 जुलाई 2025 को अहमदाबाद में जो हुआ, उसे भुलाना आसान नहीं होगा। लेकिन सीट नंबर 11A हमेशा याद दिलाती रहेगी कि जहां सैकड़ों की कहानियाँ वहीं थम गईं, वहीं एक कहानी ने नया जन्म लिया।
विश्वश कुमार की जीवित वापसी न सिर्फ एक चमत्कार है, बल्कि पूरे विमानन जगत के लिए एक चेतावनी भी — कि सुरक्षा, भाग्य और निर्णय सभी मिलकर किसी एक की किस्मत लिखते हैं।